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मरने के बाद नहीं हुआ था रावण का अंतिम संस्कार, आज भी यहां रखा है दशानन का शव! जानिए क्या है रहस्य

  दशहरा, बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है। भगवान श्रीराम ने इसी दिन अंहकार से भरे लंकापति रावण का वध किया था। हिंदू धर्म में दशहरा यानी विय...



 दशहरा, बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है। भगवान श्रीराम ने इसी दिन अंहकार से भरे लंकापति रावण का वध किया था। हिंदू धर्म में दशहरा यानी वियजादशमी का विशेष महत्व है। इस दिन जगह-जगह रावण का पुतला दहन किया जाता है। बताया जाता है कि श्रीलंका में रामायण और भगवान राम से जुड़े कई चिन्ह और सबूत आज भी मौजूद हैं। नवरात्र समाप्त होने के बाद दशमी तिथि को दशहरा मनाया जाता है जिसे विजयदशमी कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, दशमी के दिन ही भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया था।

एक रिसर्च के मुताबिक, लगभग 50 ऐसे स्थान हैं जिनसे रामायण का संबंध है। इस रिसर्च में बताया गया है कि श्रीलंका में स्थित एक पहाड़ी में बनी गुफा में अभी भी रावण का शव सुरक्षित है। यह गुफा श्रीलंका के रैगला के घने जंगलों में मौजूद है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम ने 10 हजार साल पहले रावण का वध किया था। मान्यता है कि भगवान श्रीराम ने रावण का वध करने के बाद उसके शव को विभीषण को अंतिम संस्कार के लिए सौंप दिया था। लेकिन विभीषण ने राजगद्दी संभालने की जल्दी में रावण का अंतिम संस्कार नहीं कर पाए और शव वैसे ही छोड़ दिया।

श्रीलंका के इंटरनेशनल रामायण रिसर्च सेंटर ने यह रिसर्च किया है। इस रिसर्स के मुताबिक, रैगला के जंगलों में 8 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित गुफा में रावण का शव रखा गया है। रावण के शव को ममी बनाकर एक ताबूत में रखा गया है जिस पर एक खास तरह का लेप लगाया गया है जिसके वजह से हजारों सालों से वो वैसा का वैसा ही दिखता है। बताया जाता है कि जिस ताबूत में रावण का शव रखा गया है वो 18 फीट लम्बा और 5 फीट चौड़ा है। यह भी बताया जाता है इस ताबूत के नीचे रावण का बेशकीमती खजाना है जिसकी रखवाली एक भयंकर नाग और कई खूंखार जानवर करते हैं।

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