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सांसद के घर सुबह-सुबह पहुंची ED की टीम, बोले- मर जाऊंगा लेकिन…

  मुंबई।   पात्रा चॉल घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में शिवसेना सांसद संजय राउत के भांडुप स्थित घर पर रविवार को प्रवर्तन निदेशालय ...

 


मुंबई। पात्रा चॉल घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में शिवसेना सांसद संजय राउत के भांडुप स्थित घर पर रविवार को प्रवर्तन निदेशालय की टीम पहुंची। उनके घर पर जांच एजेंसी की छापेमारी जारी है। पतरा चाल भूमि घोटाला मामले में दो बार बुलाने पर भी संजय राऊत ED के सामने पेश नहीं हुए थे। इसलिए अब ED की टीम आज सुबह-सुबह उनके घर पर पहुंच गई है। हालांकि एक बार संजय राऊत से 10 घंटे पूछताछ हो चुकी है।

ईडी की कार्रवाई के बाद संजय राउत ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर कहा, ‘मैं बाला साहेब की कसम खाता हूं। मेरा इस घोटाले से कोई लेना-देना नहीं है। राउत ने आगे कहा कि उन्होंने (बाला साहेब) हमें लड़ना सिखाया है और हम शिवसेना के लिए लड़ते रहेंगे। राउत ने कहा कि झूठी कार्रवाई, झूठे सबूत के बाद भी मैं शिवसेना नहीं छोड़ूंगा। अगर मैं मर भी जाऊं तो समर्पण नहीं करूंगा। राउत के घर ईडी की टीम पहुंचने के बाद उनके समर्थकों का जमावड़ा भी लग गया है। समर्थक ईडी और भाजपा के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं।

इससे पहले 27 जुलाई को ईडी ने मामले में राऊत को समन भेजकर पूछताछ के लिए हाजिर रहने को कहा था, लेकिन भी राउत पेश नहीं हुए थे और उन्होंने पेशी से छूट मांगी थी। लेकिन तब ईडी ने इसे स्वीकार नहीं किया था।

यह है पात्रा चॉल घोटाला मामला

ED के मुताबिक पतरा चाल के 672 परिवारों के पुनर्वास के लिए सोसायटी, म्हाडा और गुरू आशीष कंस्ट्रक्शन कंपनी के बीच करार हुआ था। गुरू आशीष कंपनी के डायरेक्टर HDIL के राकेश वाधवान, सारंग वाधवान और प्रवीण राउत थे। कंपनी पर आरोप है कि उसने म्हाडा को गुमराह कर वहां की FSI पहले तो 9 दूसरे बिल्डरों को बेचकर 901 करोड़ जमा किए, फिर मिडोज नाम से एक नया प्रोजेक्ट शुरू करके 138 करोड़ रुपये फ्लैट बुकिंग के नाम पर वसूले। लेकिन 672 असली किरायेदारों को उनका मकान नहीं दिया। इस तरह कंपनी ने 1039.79 करोड़ बनाए।

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