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राजघराने की सम्पति विवाद में जयमहल पैलेस राजमाता गायत्री देवी के पोते-पोती को मिलेगा , रामबाग पैलेस सौतेले बेटे के वारिसों को

 जयपुर के राजघराने का 15 हजार करोड़ का संपत्ति विवाद अदालत के बाहर सुलझ गया है। यह लड़ाई राजमाता गायत्री देवी के पोते-पोती और उनके सौतेले बे...


 जयपुर के राजघराने का 15 हजार करोड़ का संपत्ति विवाद अदालत के बाहर सुलझ गया है। यह लड़ाई राजमाता गायत्री देवी के पोते-पोती और उनके सौतेले बेटे पृथ्वी राज सिंह के बेटे विजीत सिंह और अन्य पक्षकारों के बीच चल रही थी। समझौते के मुताबिक गायत्री देवी के पोते देवराज सिंह और पोती लालित्या कुमारी को जयमहल पैलेस का पूरा मालिकाना हक मिलेगा। इसकी एवज में उन्हें रामबाग पैलेस में अपने पिता की हिस्सेदारी छोड़नी होगी।

जयपुर के महाराज सवाई मान सिंह द्वितीय की दूसरी पत्नी किशोर कंवर के बेटे पृथ्वी सिंह के बेटे विजीत सिंह को रामबाग पैलेस और इससे जुड़ी दूसरी प्रॉपर्टियां मिलेंगी। पृथ्वी सिंह गायत्री देवी के सौतेले बेटे थे। इसी में किशोर कंवर के दूसरे बेटे जय सिंह की भी हिस्सेदारी है। दोनों पक्ष इस पर सहमत हो गए हैं। रामबाग पैलेस और जय महल पैलेस में टाटा ग्रुप 5 स्टार होटल चला रहा है। यह संपत्ति 15 हजार करोड़ से ज्यादा की बताई जा रही है।

रामबाग पैलेस में 4.74​​​​​% शेयर छोड़ेंगे देवराज और लालित्या कुमारी

दोनों परिवारों के कुछ-कुछ शेयर रामबाग पैलेस और जय महल पैलेस में थे और मालिकाना हक को लेकर दोनों के बीच विवाद था। विजीत सिंह, लालित्या कुमारी और देवराज सौतेले भाई-बहन हैं। जय सिंह तीनों के ताऊ हैं। पूर्व राजपरिवार में सुप्रीम कोर्ट के आर्बिट्रेटर और सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस कुरियन जोसेफ की मध्यस्थता में हुए समझौते में प्रॉपर्टी के बंटवारे का फैसला किया गया है।



आपसी समझौते के अनुसार देवराज और लालित्य का रामबाग होटल की मालिकाना हक वाली कंपनी रामबाग पैलेस प्राइवेट लिमिटेड में कोई शेयर नहीं होगा। जयमहल पैलेस प्राइवेट लिमिटेड में जय सिंह, दिवंगत पृथ्वीराज सिंह और उनके पुत्र विजीत सिंह की कोई हिस्सेदारी नहीं रहेगी।


देवराज और लालित्या को रामबाग पैलेस में अपने पिता के 4.74% शेयर छोड़ने होंगे। रामबाग पैलेस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में रामबाग पैलेस होटल, रामगढ़ लॉज और सवाई माधोपुर शटिंग लॉज शामिल हैं। अब इस पर देवराज और लालित्य का कोई हिस्सा नहीं रहेगा।

दोनों पक्ष कंपनी लॉ बोर्ड में नए सिरे से दस्तावेज पेश करेंगे

पूर्व राजपरिवार से जुड़े दोनों पक्षों के बीच हुए समझौते को अब लागू करवाना भी आर्बिट्रेटर की जिम्मेदारी है। दोनों पक्षों में से अब कोई कोर्ट नहीं जाएगा। कोर्ट के बाहर हुए इस समझौते के बाद जयमहल और रामबाग के शेयर होल्डिंग पैटर्न में होने वाले बदलाव की जानकारी कंपनी लॉ बोर्ड को देनी होगी। समझौते को धरातल तक आने में अभी करीब दो महीने का समय लगने की संभावना है।

टाटा ग्रुप की कंपनी चला रही है दोनों होटल



रामबाग पैलेस होटल और जयमहल पैलेस दोनों ही अभी टाटा ग्रुप की कंपनी इंडियन होटल्स लिमिटेड चला रही है। कंपनी लॉ बोर्ड से नए मालिकाना हक और शेयर होल्डिंग पैटर्न का सर्टिफिकेट जारी होने के बाद नए सिरे से कॉन्ट्रैक्ट भी करना होगा। दोनों कंपनियों के शेयर होल्डर्स की बैठक बुलाने सहित कई तरह की औपचारिकताएं पूरी करनी होंगी। रामबाग और जयमहल को लेकर टाटा के साथ नए सिरे से करार होगा।

गायत्री देवी के निधन के बाद से चल रहा था विवाद

2009 में गायत्री देवी के निधन के बाद से ही पूर्व राजपरिवार में विवाद चल रहा था। देवराज और लालित्य प्रॉपर्टी पर हक जताते हुए मामले को पहले हाईकोर्ट फिर सुप्रीम कोर्ट ले गए थे। अब दोनों पक्षों के कोर्ट के बाहर समझौता करने से इस विवाद के खत्म होने के आसार हैं।


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