रायपुर। प्रदेश में 2023 से लेकर 15 नवंबर 2025 तक 41829 सड़क दुर्घटनाएं हुई है। इनमें 19066 मौतें हुई हैं और 35761 लोग घायल हुए हैं। परिवहन म...
रायपुर। प्रदेश में 2023 से लेकर 15 नवंबर 2025 तक 41829 सड़क दुर्घटनाएं हुई है। इनमें 19066 मौतें हुई हैं और 35761 लोग घायल हुए हैं। परिवहन मंत्री केदार कश्यप ने बुधवार को इस आशय की जानकारी विधानसभा में दी। इसके अलावा बढ़ती हुई सड़क दुर्घटनाओं का कारण और कैशलेश इलाज के स्कीम की जानकारी भी मंत्री ने प्रदान की।
विधायक अजय चंद्राकर ने आज लिखित सवाल में पूछा था कि प्रदेश में विगत 2 वर्ष में 15 नंवबर, 2025 की स्थिति में कितनी सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं? उनमें कितने लोग घायल, गंभीर घायल एवं मौतें हुई हैं? वर्षवार बतायें? सड़क दुर्घटना में विगत वर्षों की तुलना में वृद्धि हुई है या कमी आयी है? यदि वृद्धि हुई है तो उसके कारण क्या है? इसके रोकथाम के लिये कौन-कौन से विभाग द्वारा क्या-क्या कदम उठाये गये हैं? क्या किसी विशेषज्ञ द्वारा रिसर्च कराया गया है? यदि हां तो उसकी रिपोर्ट एवं सुझाव क्या-क्या हैं? सड़क दुर्घटना की रोकथाम हेतु सरकार द्वारा अब तक क्या-क्या योजना एवं जागरूक करने हेतु क्या-क्या कार्यक्रम कराये गये हैं? (ग) सड़क दुर्घटना से प्रभावित लोगो के लिये सरकार द्वारा आर्थिक सहयोग या ईलाज के लिये क्या-क्या योजना बनायी गयी है तथा उस योजना की प्रक्रिया क्या है? अधिकत्तम व न्यूनतम कितनी राशि प्रदाय किये जाने का प्रावधान है? उसकी वित्तीय व्यवस्था कैसी की गयी है ? उक्त वर्षों में इसके लिये कितना बजट प्रावधानित है और कितने लोगों को, कितनी राशि प्रदाय की गयी है? वर्षवार बतायें?
परिवहन मंत्री केदार कश्यप ने अपने लिखित जवाब में बताया कि प्रदेश में वर्ष 2023 से 15 नवम्बर 2025 की स्थिति में कुल 41829 दुर्घटना के प्रकरण में 35761 घायल/गंभीर घायल तथा 19066 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है। सड़क दुर्घटना में विगत 02 वर्षों की तुलना में वृद्धि हुई है । परिवहन विभाग द्वारा विशेषज्ञ से रिसर्च नहीं कराया गया है। सड़क दुर्घटना से प्रभावित लोगों के लिये सरकार द्वारा आर्थिक सहयोग या ईलाज के लिये योजना, प्रक्रिया एवं राशि प्रदाय की जानकारी भी मंत्री ने प्रदान की है।
मंत्री ने अपने लिखित जवाब में बताया है कि विगत वर्षों की तुलना में छत्तीसगढ़ राज्य में अक्टूबर 2025 की स्थिति में 90,56,532 पंजीकृत वाहनें हैं, जिसमें वर्षवार वृद्धि होना तथा सड़कों की स्थिति बेहतर होने से ओव्हर स्पीडिंग, लापरवाही पूर्वक वाहन चालन, शराब पीकर वाहन चालन, बिला हेलमेट, बिना सीट बेल्ट एवं परमिट शर्तों का उल्लंघन आदि है।
मंत्री ने उपचार में सहायता के संबंध में बताया है कि वाहनों से होने की स्थिति में मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 162 के प्रावधानों के तहत केन्द्र सरकार की अधिसूचना क्रमांक का.आ.2489 (अ) 04 जून 2025 द्वारा स्वर्णिम काल (गोल्डन हावर) के दौरान "सड़क दुर्घटना पीड़ितों का नकदी उपचार स्कीम 2025" लाई गई है। इस स्कीम के तहत् वाहन दुर्घटना से पीड़ित को तुरंत उपचार उपलब्ध कराना एवं उपचार के पहले पैसे की व्यवस्था न करनी पड़े इस उद्देश्य से अधिकतम रू. 1,50,000/- तक का ईलाज शासन द्वारा अधिकृत अस्पतालों में पूरी तरह कैशलेस होगा, जो अधिकतम 07 दिन तक हो सकेगा।

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