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मेडिकल स्टूडेंट और डॉक्टर भी करेंगे रक्तदान, मरीजों को नहीं होगी ब्लड की कमी

रायपुर। पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज संबद्ध आंबेडकर अस्पताल समेत सभी चिकित्सालय में अब डॉक्टर समेत स्टूडेंट्स नियमित रूप से ब्लड डोनेशन क...


रायपुर। पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज संबद्ध आंबेडकर अस्पताल समेत सभी चिकित्सालय में अब डॉक्टर समेत स्टूडेंट्स नियमित रूप से ब्लड डोनेशन करेंगे। इससे जरूरतमंद मरीजों के लिए ब्लड की कमी नहीं होगी। कई बार गंभीर मरीजों को ब्लड मिलने में परेशानी होती है। नई पहल से ब्लड की कमी दूर होने की संभावना है।

राजभवन के पत्र के बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग नियमित शिविर लगा रहा है। अब मेडिकल एजुकेशन से जुड़े कॉलेजों के विद्यार्थी नियमित रक्तदान करेंगे। इससे ब्लड बैंक में रक्त की कमी दूर करने में मदद मिलेगी। सिकलसेल, हीमोफीलिया, थैलेसीमिया, ल्यूकेमिया, कैंसर के मरीज, सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल व डिलीवरी के दौरान महिलाओं को ब्लड ट्रांसयूजन की जरूरत पड़ती है। ब्लड की कमी न हो, इसके लिए राजभवन ने पहले ही हेल्थ साइंस विवि को पत्र लिखा था। डीन व प्राचार्यों को लिखे पत्र में छात्र-छात्राओं को रक्तदान के लिए प्रेरित करने को कहा है। शिविर लगाकर ब्लड एकत्रित किए जाएंगे।

कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों में बचाव भी

ब्लड से जुड़ी बीमारी व बोन मेरो ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ हिमेटोलॉजिस्ट डॉ. विकास गोयल व पीडियाट्रिशियन डॉ. आकाश लालवानी के अनुसार नियमित अंतराल में ब्लड डोनेशन करने से खून साफ होने के साथ शरीर को नए खून बनाने का मौका मिलता है। कई कैंसर जैसे गंभीर बीमारियों से बचाव भी होता है। यह मानसिक सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है।

सिकलसेल, हीमोफीलिया के मरीजों को ब्लड की पूर्ति रक्तदान से होती है। यही नहीं नियमित रक्तदान करने से हार्ट अटैक की संभावना 88 फीसदी तक कम हो जाती है। हार्ट संबंधी बीमारी होने की संभावना भी 33 फीसदी घट जाती है। शरीर से ब्लड निकलने से 350 मिग्रा आयरन कम हो जाता है।


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