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धरती आबा भगवान बिरसा मुण्डा जयंती दिवस जनजाति समाज की वीरता, त्याग और संस्कृति को समर्पित है-उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा

    रायपुर, 15 नबम्बर 2025/धरती आबा भगवान बिरसा मुण्डा की जयंती के अवसर पर आज पीजी कॉलेज कवर्धा में जिला स्तरीय जनजातीय गौरव दिवस का भव्य आय...

  


 रायपुर, 15 नबम्बर 2025/धरती आबा भगवान बिरसा मुण्डा की जयंती के अवसर पर आज पीजी कॉलेज कवर्धा में जिला स्तरीय जनजातीय गौरव दिवस का भव्य आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस समारोह से वर्चुअल माध्यम से जुड़कर देशभर के जनजातीय समुदाय को संबोधित किया। जिला स्तरीय कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा एवं पंडरिया विधायक श्रीमती भावना बोहरा शामिल हुए और भगवान बिरसा मुण्डा के तैलचित्र पर दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया।



      प्रधानमंत्री मोदी ने वर्चुअल माध्यम से अपने उद्बोधन में जनजातीय समाज के समृद्ध इतिहास, शौर्य, संस्कृति, लोक कला और राष्ट्र निर्माण में उनकी अद्वितीय एवं अभूतपूर्व भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि भारत की प्रगति में जनजातीय समाज का योगदान सदैव प्रेरणास्रोत रहा है। भगवान बिरसा मुण्डा की जयंती को भारत सरकार द्वारा जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जाता है, ताकि देश उनकी वीरता, बलिदान और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को याद रखे और जनजातीय समाज की विकास यात्रा को सशक्त दिशा मिले। इस दौरान उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टॉल एवं प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने स्टॉलों में प्रदर्शित योजनाओं, उत्पादों और गतिविधियों की विस्तृत जानकारी ली और विभागों द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की। प्रदर्शनी में जनजातीय समाज की परंपराओं, कलात्मकता, आजीविका से जुड़े उत्पादों और शासकीय योजनाओं की उपलब्धियों को आकर्षक रूप में प्रस्तुत किया गया।

      

  उपमुख्यमंत्री ने रेंगाखर, कवर्धा एवं विभिन्न स्थानों में भगवान बिरसा मुण्डा की प्रतिमा स्थापना की घोषणा की। इस अवसर पर जनजातीय समाज द्वारा उल्लेखनीय कार्य करने वाले प्रतिष्ठित व्यक्ति, नागरिकों, विद्यार्थियों, युवाओं और महिलाओं का सम्मान किया गया। उप मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री जनमन योजना के अंतर्गत हितग्राहियों को आवास की चाबी सौंपी। कृषकों को मसूर मिनी किट प्रदान किया गया। जनजातीय गौरव दिवस पर बड़ी संख्या में जनजातीय समाज के लोग शामिल हुए और उन्होंने अपनी सांस्कृतिक धरोहर को गर्व के साथ प्रस्तुत किया। जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर भगवान बिरसा मुंडा के जीवन और उनके संघर्षों को याद किया गया।

      

  इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष ईश्वरी साहू, जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष श्री विदेशी राम धुर्वे, सहसपुर लोहारा जनपद पंचायत के अध्यक्ष दुर्गा सिंह, जनपद पंचायत कवर्धा के अध्यक्ष सुषमा गणपत बघेल, जनपद पंचायत बोड़ला के अध्यक्ष बालका वर्मा, जिला पंचायत उपाध्यक्ष कैलाश चद्रवंशी, कलेक्टर गोपाल वर्मा, जिला पंचायत सीईओ अजय कुमार त्रिपाठी, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग एलपी पटेल सहित समाज के वरिष्ठ नागरिक उपस्थित थे।

       उप मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि भगवान राम, भगवान कृष्ण, भगवान बुद्ध, भगवान महावीर की तरह ही हमारे देश की धरती पर भगवान बिरसा मुंडा जैसे महान पुरुष अवतरित हुए, जिन्होंने जनजातीय समाज के कल्याण के लिए असाधारण कार्य किए। आज 15 नवंबर के दिन पूरे देश में जनजातीय गौरव दिवस उत्साह और सम्मान के साथ मनाया जा रहा है। यह दिन जनजातीय समाज की वीरता, त्याग, संस्कृति और योगदान को समर्पित है। उन्होंने कहा कि हमारे देश के महापुरुषों के अवतार दिवस मनाना इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह हमें उनके आदर्शों और त्याग को याद दिलाते हैं और अच्छे कर्मों के लिए प्रेरित करते हैं। 

         जनजातीय गौरव दिवस, धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की जन्म जयंती के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने अन्याय, शोषण और अत्याचार के विरुद्ध खड़े होकर अपने समाज और देश के लिए भगवान समान कार्य किए। इसी कारण जनजातीय समाज उन्हें भगवान मानकर सम्मान देता है। आज का दिन जनजातीय समुदाय के लिए अत्यंत गर्व का दिन है। यह दिन पूरे देश को याद दिलाता है कि भारत की संस्कृति, सभ्यता और इतिहास में जनजाति समाज का योगदान अतुलनीय है। आने वाले समय में यह दिवस पूरे भारत वर्ष में और भी व्यापक रूप से मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वज, हमारे प्रेरणास्रोत भगवान बिरसा मुंडा भारत के लिए गर्व और सम्मान का प्रतीक हैं।

         

पंडरिया विधायक भावना बोहरा ने जनजातीय गौरव दिवस पर प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा ने अंग्रेजी शासन के अत्याचारों के खिलाफ आदिवासी समाज को एकजुट कर एक ऐतिहासिक आंदोलन की शुरुआत की। कठिन पर्वतीय परिस्थितियों में भी उन्होंने अदम्य साहस दिखाते हुए जंगल, जमीन और अपनी पहचान की रक्षा के लिए संघर्ष किया। अंग्रेजों की गोलियों और दमन के बीच भी वे निर्भीक होकर आगे बढ़े और समाज के अधिकारों की लड़ाई लड़ी। आज राज्य के मुख्यमंत्री आदिवासी समाज सहित छत्तीसगढ़ के हर वर्ग के विकास के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। जनजातीय समाज के साथ-साथ महिलाओं, युवाओं और ग्रामीण क्षेत्रों के सर्वांगीण विकास को लेकर सरकार द्वारा महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं।

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