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छात्रावास में रहने वाले हाई स्कूल बच्चों के लिए दोपहर के भोजन की अभिनव पहल

  रायपुर, 02 अगस्त 2025 छत्तीसगढ़ में अपने घरों से दूर शासकीय छात्रावासों में रहकर पढ़ाई करने प्री-मैट्रिक अनुसूचित जनजाति छात्रावासों के कक्ष...

 


रायपुर, 02 अगस्त 2025 छत्तीसगढ़ में अपने घरों से दूर शासकीय छात्रावासों में रहकर पढ़ाई करने प्री-मैट्रिक अनुसूचित जनजाति छात्रावासों के कक्षा 9वीं एवं 10वीं के विद्यार्थियों को अब स्कूल समय में टिफिन के माध्यम से पौष्टिक एवं संतुलित आहार उपलब्ध कराया जाएगा। राज्य के रायगढ़ जिले में इस नवाचार की शुरूआत हो गई है। रायगढ़ जिले के एक हजार आठ सौ से अधिक विद्यार्थियों को अब स्कूल समय में टिफिन मिलेगा। ऐसा नवाचार करने वाला रायगढ़ प्रदेश का पहला जिला है। जिले में यह व्यवस्था विशेष रूप से उन छात्रावासी विद्यार्थियों के लिए की गई है, जिनका स्कूल सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक लगता है। प्री-मैटिक छात्रावासों में रहने वाले बालक-बालिकाओं दोनों के लिए यह व्यवस्था की गई है। यह पूरी व्यवस्था निःशुल्क होगी। टिफिन में बच्चों को रूचि के अनुसार दाल, चावल, सब्जी, रोटी या पौष्टिक नाश्ता पोहा, हलवा, उपमा, सेवई आदि दी जाएगी। रायगढ़ जिले के 63 बालक और 26 कन्या छात्रावासों में दोपहर के लंच ब्रेक के लिए बच्चों को टिफिन प्रदान करने की यह पहल शुरू की गई है। इसका लाभ 2100 से अधिक छात्र-छात्राओं को मिलेगा। इसके लिए टिफिन की व्यवस्था हॉस्टल स्तर पर ही की गई है।

राज्य की सभी प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं के बच्चों को मध्यान्ह भोजन योजना के तहत स्कूलों में भोजन उपलब्ध कराया जाता है। प्री-मैट्रिक छात्रावासों में रहकर पढ़ने वाले बच्चे सुबह नाश्ता या सीधे दस-साढ़े दस बजे भोजन करके स्कूल जाते हैं। ऐसे में पूरी स्कूल अवधि में लगभग 5 से 6 घंटे विद्यार्थी बिना भोजन के रह जाते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए बच्चों को पूरा पोषण देन के लिए रायगढ़ जिले में यह नवाचारी पहल शुरू की गई है। जिले में पहले चरण में पुसौर एवं कोड़ासिया स्थित प्री-मैट्रिक छात्रावास के विद्यार्थियों को दोपहर में टिफिन के रूप में पौष्टिक भोजन देना शुरू कर दिया गया है। जल्द ही इसे जिले के सभी प्री-मैट्रिक छात्रावासों में लागू किया जाएगा। प्रशासन की इस अभिनव पहल से न केवल विद्यार्थियों को पोषण मिलेगा, वे शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत होंगे, बल्कि उनकी शैक्षणिक उपलब्धियों में सुधार होगा।

छात्रावासी बच्चों ने इस पहल को सराहा, कहा - पढ़ाई पर फोकस हुआ बेहतर

रायगढ़ के प्री मैट्रिक बालक छात्रावास में रहने वाले कक्षा दसवीं के छात्र तुषार सिदार ने कहा कि कहा कि सुबह भोजन कर के स्कूल आने के बाद शाम तक खाने या नाश्ते का अन्य कोई विकल्प नहीं होता था।  इसको देखते हुए पिछले दिनों हॉस्टल से ही स्कूल के लिए भी टिफिन पैक कर के देने की शुरुआत की गई है। दोपहर में खाने की व्यवस्था होने से अब दिनभर एनर्जी बनी रहती है। जिससे स्कूल में पढ़ाई पर और अच्छे से फोकस कर पाते हैं। 

बलराम सिदार, जो कक्षा नवीं के छात्र हैं, उन्होंने बताया कि आठवीं तक के बच्चों को तो स्कूल में मध्याह्न भोजन मिल जाता है। लेकिन नवीं दसवीं में ये व्यवस्था नहीं है। इसके कारण हॉस्टल से हमें भोजन देने का इंतेज़ाम किया गया, इसके लिए टिफिन भी हॉस्टल से ही प्रदान किया गया है। अब दोपहर में खाने की समस्या नहीं होती। हमारी रुचि के अनुसार भोजन या नाश्ता टिफिन में दिया जाता है। जिससे दिनभर के स्कूल की गतिविधियों में हम अच्छे से भाग लें और मन लगाकर पढ़ाई कर सकें। 

प्री मैट्रिक कन्या छात्रावास की कक्षा दसवीं की छात्रा लता सारथी कहती हैं कि यह एक बहुत अच्छी और महत्वपूर्ण पहल है। हॉस्टल में खाने पीने का समय निर्धारित होता है। सुबह स्कूल आने से लेकर शाम तक स्कूल में रहने के दौरान एक भोजन की कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं थी। जो बच्चे घर से आना जाना करते हैं वे घर से टिफिन ले आते हैं। लेकिन छात्रावासी बच्चों को इसमें दिक्कत हो रही थी। इसे विचार करते हुए यह पहल की गई है। अब दोपहर में लंच ब्रेक में भोजन की व्यवस्था से कक्षा में अच्छे से ध्यान केंद्रित कर पाते हैं, और दिनभर भी ऊर्जा बनी रहती है।




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