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धरती आबा अभियान: रोजगार और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ता जनजातीय समाज

  रायपुर, 02 जुलाई 2025 कोरिया जिले में चल रहे धरती आबा जनजातीय उत्कर्ष अभियान के अंतर्गत अब तक 462 जनजाति परिवारों को मनरेगा योजना के तहत ज...

 


रायपुर, 02 जुलाई 2025 कोरिया जिले में चल रहे धरती आबा जनजातीय उत्कर्ष अभियान के अंतर्गत अब तक 462 जनजाति परिवारों को मनरेगा योजना के तहत जॉब कार्ड जारी किए गए हैं, जिससे उन्हें अपने ही गांव में 100 दिनों के रोजगार की गारंटी मिल रही है। इससे आदिवासी समुदाय के चेहरे पर उम्मीद, रौनक और आत्मनिर्भरता की मुस्कान देखने को मिल रही है। इन लाभार्थियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा जनजाति समाज को आगे बढ़ाने, रोजगार मुहैया कराने, विकास के मुख्यधारा में शामिल करने और बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में यह अभियान लाभदायक हो रहा है। कोरिया कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी के मार्गदर्शन में जिलेभर में इस अभियान का बेहतर संचालन किया जा रहा है ताकि कोई भी पात्र हितग्राही जनहितकारी योजनाओं से वंचित न रहे।

सभी पात्र जनजाति परिवार के जीवन स्तर को बेहतर बनाने की दिशा में यह अभियान बेहद ही कारगर साबित हो रही है। कलेक्टर ने बताया कि धरती आबा अभियान का मुख्य उद्देश्य जनहितकारी योजनाओं में शत-प्रतिशत पात्रता सुनिश्चित करना है। मनरेगा योजना आजीविका विकास का एक सशक्त माध्यम है और प्रशासन का प्रयास है कि प्रत्येक पात्र जनजाति इस योजना से जुड़कर अपने जीवन स्तर को बेहतर बना सके।

शिविरों में पहुंचने वाले कई युवा कार्ड प्राप्त कर सेल्फी पॉइंट पर फोटो खिंचवाते नजर आए, जो उनके आत्मविश्वास और जागरूकता का प्रतीक है। ग्रामीणों ने बताया कि अब खेती के बाद खाली समय में उन्हें रोजगार की चिंता नहीं रहेगी।

मनरेगा योजना के तहत अब तक बैकुण्ठपुर जनपद पंचायत में 434 तथा सोनहत जनपद पंचायत में 28 जॉब कार्ड बनाकर प्रदान किए गए हैं।ग्राम पंचायत अकलासरई के हितग्राही सुदर्शन, शोभा, दीपू, कुलदीप और रामवती ने बताया कि उन्हें धरती आबा शिविर में ही तुरंत जॉब कार्ड मिल गया, जिससे अब अपने गांव में ही काम कर पाएंगे।

जिला पंचायत सीईओ डॉ. आशुतोष चतुर्वेदी ने बताया कि जिले के सभी पात्र हितग्राहियों को योजना से जोड़ने के लिए घर-घर सर्वे और जनजागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। रोजगार सहायक और मेटों के सहयोग से जॉब कार्ड बनाने में शत-प्रतिशत सफलता मिली है।


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