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झोपड़ी से पक्के घर तक: अब बरसात में भी मुरलीधर को नहीं सताती चिंता

  रायपुर, 29 जुलाई 2025 मैं जब तक सक्षम था... मुझे झोपड़ी में कोई ज्यादा परेशानी नहीं थी। बारिश हो या तूफान... हर मौसम में झोपड़ी में ही मेरा ...

 


रायपुर, 29 जुलाई 2025 मैं जब तक सक्षम था... मुझे झोपड़ी में कोई ज्यादा परेशानी नहीं थी। बारिश हो या तूफान... हर मौसम में झोपड़ी में ही मेरा और मेरे परिवार का समय बीता। हालांकि खपरैल वाले मिट्टी के घरों में रहना तकलीफदेह तो है, लेकिन हाथ-पैर सही सलामत हो तो हर तकलीफ दूर की जा सकती है। मैं भी बारिश आते ही परेशानी से बचने के लिए परिवार सहित खपरैल ठीक करता था। बारिश के बाद उखड़ी हुई दीवारों की मरम्मत करता था और तेज बारिश में घर के भीतर गिरने वाली पानी की धार से बचने और घर के सामानों को बचाने के लिए भी तमाम कोशिश करता.... कुछ साल पहले अचानक मेरे पैरों ने जवाब देना शुरू कर दिया। घुटनों में असहनीय दर्द के बीच चलना-फिरना भी मुश्किल हो गया। 

इन हालातों ने मेरी चिंता बढ़ा दी। बारिश से पहले हर साल मैं घर की छानी पर चढ़कर खपरैल ठीक कर लेता था, पर अब अपनी घुटनों की वजह से ये सब करना आसान नहीं रह गया। मैं तनाव में था कि अब क्या होगा? बारिश में फिर वही परेशानी झेलनी होगी! मेरी इन चिंताओं के बीच जब प्रधानमंत्री आवास योजना में मेरा नाम आया और पहली किस्त मिली, तो मैंने कच्चे मकान को तुड़वाकर पक्का मकान बनाने में देरी नहीं की। आज मेरा घर पक्का बन गया है और अभी तेज बारिश भी हो रही है... इसके बावजूद मुझे कोई परेशानी नहीं है। मैं चैन से अपने घर पर हूँ।

कोरबा जिले के पोड़ी उपरोड़ा विकासखंड के मल्दा गांव में रहने वाले मुरलीधर निर्मलकर ने बताया कि बीते वर्ष प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ उसे मिला। योजना का लाभ उठाकर उसने झोपड़ी की जगह पक्का मकान बनवा लिया है। मुरलीधर ने बताया कि उनकी उम्र 65-66 की हो गई है। इस बीच घुटनों में दर्द होने लगा है और कहीं आना-जाना भी मुश्किल हो गया है। घुटनों में दर्द की वजह से वह इस चिंता में था कि बरसात में झोपड़ी में होने वाली परेशानियों से कैसे बचेगा, क्योंकि अब तो खपरैल भी ठीक करने में सक्षम नहीं हूं। 

मुरलीधर कहते हैं – " मैं सौभाग्यशाली हूं कि मेरा नाम पीएम आवास योजना में आया और मैंने बिना देर किए राशि मिलते ही अपना मकान पूरा बनवा लिया।" उसकी पत्नी लच्छमनिया बाई बताती है – "झोपड़ी में बारिश के दिनों में सबसे ज्यादा परेशानी होती थी। कच्ची दीवारें उखड़ जाती थीं। घर के भीतर पानी की धार गिरने से जगह-जगह गड्ढे बन जाते थे। मेरा काम भी बढ़ जाता था।" दोनों प्रधानमंत्री आवास योजना के अपने मकान के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहते हैं कि अब पक्का मकान बन जाने के बाद बारिश में भी हम लोग चैन से रह पा रहे हैं, हमें कोई तकलीफ नहीं है।

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