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नीट' की काउंसलिंग रोकने और एनटीए की पूरी प्रक्रिया की एसआईटी से जांच कराने की मांग

भिलाई । भारतीय मुस्लिम युवा छात्रों के संगठन स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन ऑफ़ इंडिया (एसआईओ) ने मेडिकल में दाखिले के लिए हुई नीट (यूजी) ...

भिलाई । भारतीय मुस्लिम युवा छात्रों के संगठन स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन ऑफ़ इंडिया (एसआईओ) ने मेडिकल में दाखिले के लिए हुई नीट (यूजी) 2024 परीक्षा प्रक्रिया में सामने आईं अनियमितताओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है। जिसमें नीट की काउंसलिंग को रोकने और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित पूरी प्रक्रिया की एसआईटी से जांच कराने की मांग की गई है।

इस संबंध में एसआईओ के राष्ट्रीय सचिव डॉ. रोशन मोहिद्दीन एवं छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष एस. के. अम्मानुल्लाह ने एनटीए की कार्यशैली और नोटिफिकेशन जारी होने के बाद के घटनाक्रम पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि 15 दिन की मोहलत दिए जाने के बाद भी 9 अप्रैल को रजिस्ट्रेशन पोर्टल अचानक फिर से खोलना इसमें अनियमितताओं को दर्शाता है। इसके अलावा, बिहार में पेपर लीक और गुजरात और नोएडा में कदाचार की हालिया घटनाओं के परिणामस्वरूप गिरफ्तारियों ने इस परीक्षा में निष्पक्षता और गोपनीयता पर भरोसा कम करने का काम किया है। एसआईओ के राष्ट्रीय सचिव अब्दुल्लाह फ़ैज़ और छत्तीसगढ़ प्रदेश सचिव हिद्रिस खान ने कहा कि ग्रेस अंकों का आवंटन पारदर्शिता और जवाबदेही के बारे में गंभीर सवाल खड़े करता है।

हालांकि एनटीए  ने ‘समय की हानि’ के लिए ये अंक देने का दावा किया है लेकिन वे इस ‘समय की हानि’ को निर्धारित करने के लिए किसी मानदंड और कार्यप्रणाली को दस्तावेज़ित या पारदर्शी रूप से बताने में विफल रहे। इसके अलावा, विवरणिका में कोई जानकारी दिए बिना ही ट्विटर पर उनके द्वारा विधि प्रवेश परीक्षा क्लैट परीक्षाओं के बारे में 2018 के सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले का हवाला देना पूरी प्रक्रिया को लेकर संदेह बढ़ाने का काम करता है।

यह बाद में दिया गया औचित्य परीक्षा प्रक्रिया में महत्वपूर्ण त्रुटियों या हेरफेर को छिपाने का एक प्रयास मात्र प्रतीत होता है। -20 से लेकर 720 तक के ग्रेस मार्क्स के आवंटन के पीछे का तर्क अस्पष्ट है। बिना किसी पूर्व सूचना के 1,600 उम्मीदवारों के लिए ग्रेस मार्क्स आवंटन को लेकर एनटीए  की लापरवाही इसकी संदिग्ध मंशा को ज़ाहिर करती है। इसके अलावा, सदस्यों की पहचान का खुलासा किए बिना एक उच्च स्तरीय समिति का गठन निष्पक्षता और ईमानदारी के बारे में गंभीर प्रश्न खड़े करता है। 

एसआईओ के भिलाई इकाई अध्यक्ष भाई जुल्करनैन एवं चरोदा के अध्यक्ष तबरेज़ खान ने इस वर्ष सामान्य श्रेणी के छात्रों के लिए काफी कम योग्यता स्कोर पर सवाल उठाए हैं। पदाधिकारी द्वय ने  इस तथ्य पर भी ज़ोर दिया कि ऐसी रिपोर्ट सामने आई हैं, जिनमें यह चौंकाने वाला तथ्य है कि कई छात्रों को पूर्ण अंक मिले हैं और टॉप 67 विद्यार्थियों में से आठ विद्यार्थी हरियाणा के एक ही परीक्षा केंद्र से हैं। एक ही केंद्र में टॉपर्स की यह असंगत मौजूदगी परीक्षा प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर गंभीर संदेह पैदा करती है। एस आई ओ  ने इस मामले में छात्रों के साथ संवाद कर के उनकी समस्या को और गहराई से समझने का प्रयास किया।

एसआईओ के राष्ट्रीय सचिव अनीस रहमान और एसआईओ छत्तीसगढ़ के पीआर सेक्रेट्री इमरान अजीज  ने पूरी प्रक्रिया के दौरान छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव पर चिंता जताई है। पदाधिकारी द्वय ने  जारी बयान में कहा कि  हाल ही में परिणाम जारी होने के बाद एक छात्रा की आत्महत्या ने अभ्यर्थियों की पीड़ा को और भी दुखद रूप से उजागर किया है। उन्होंने यह भी पुष्टि की कि एसआईओ प्रभावित छात्रों और उनके परिवारों के साथ एकजुटता में खड़ी है क्योंकि वे न्याय और इन महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान चाहते हैं।

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