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देवी मंदिरों में प्रज्जवलित हुए ज्योतिकलश, जसगीत से गूंजा अंचल

बिलासपुर। शुभ मुहुर्त में मंगलवार को चैत्र नवरात्र पर घटस्थापना के साथ देवी मंदिरों में ज्योतिकलश प्रज्जवलित हुआ। आदिशक्ति मां महामाया मंदिर...

बिलासपुर। शुभ मुहुर्त में मंगलवार को चैत्र नवरात्र पर घटस्थापना के साथ देवी मंदिरों में ज्योतिकलश प्रज्जवलित हुआ। आदिशक्ति मां महामाया मंदिर रतनुपर में सबसे ज्यादा 26 हजार 655 ज्योति कलश जगमग हुए। शाम को मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना के साथ आरती हुई। दर्शन करने श्रद्धालु-भक्त पहुंचे। मंदिरों व घरों में परंपरानुसार जवारा बोए गए। नौ दिनों तक अब अंचल में भक्तिमय माहौल रहेगा। देवी दर्शन करने मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहेगा। प्रथम दिवस मां ब्रम्हचारिणी स्वरूप की पूजा हुई। मां महामाया मंदिर रतनपुर सहित मां काली मंदिर तिफरा, मां दुर्गा मंदिर दयालबंद, जरहाभाठा, संतोषी मंदिर लिंक रोड, दुर्गा मंदिर सरकंडा, मां बगलामुखी सहित अन्य सभी देवी मंदिरों में विधिवत पूजा हुई। मां महामाया मंदिर,रतनपुर में कोलकाता से आए दो क्विंटल फूल से सज चुका हैं। मां की प्रतिदिन पूजा, शतचंडी यज्ञ आदि के लिए एक क्विंटल अतिरिक्त फूल पहुंच गया है। प्रथम दिवस मां का विशेष श्रृंगार किया गया।

भक्तों ने पहले दिन मातारानी का श्रृंगार किया। जिसमें लाल चुनरी, चूड़ी, इत्र, सिंदूर, महावर, बिंदी, मेहंदी, काजल, बिछिया, माला, पायल, लाली व अन्य श्रृंगार समान शामिल था। कलश स्थापना किया गया। इस दौरान मौली, आम के पत्ते का पल्लव (5 आम के पत्ते की डली), रोली, गंगाजल, सिक्का, गेहूं या अक्षत, जवार बोने के लिए सामग्री, मिट्टी का बर्तन, शुद्ध मिट्टी, गेहूं या जौ, मिट्टी पर रखने के लिए एक साफ कपड़ा, साफ जल, और कलावा रखा गया। अखंड ज्योति प्रज्जवलित किया गया। जिसे घी, रूई बत्ती, रोली या सिंदूर, अक्षत का उपयोग किया गया। अब नौ दिनों तक घर व देवी मंदिरों में उत्साह का माहौल रहेगा। मातारानी को अलग-अलग प्रकार के भोग चढ़ाए जाएंगे।

चैत्र नवरात्र व हिंदू नववर्ष के अवसर पर बड़ी संख्या में लोगों ने इंटरनेट मीडिया के माध्यम से एक दूसरे को बधाई व शुभकामनाएं दी। एक से बढ़कर एक वीडियो ग्रीटिंग्स भेजे गए। फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाटसएप सहित अन्य सभी माध्यमों से बच्चों से लेकर बड़ों ने अपनी खुशियां भेजी।


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