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डॉक्टर का है कहना धूम्रपान के सेकंड हैंड धुएं से गंभीर शिशु रोग की संभावना अधिक

   राजधानी के शासकीय चिकित्सालय मेकाहारा की पलमोनोलॉजिस्ट डॉक्टर देवी ज्योति दास ने आज तंबाकू निषेध दिवस के दिन बताया कि तंबाकू कई श्वास ...

 


 राजधानी के शासकीय चिकित्सालय मेकाहारा की पलमोनोलॉजिस्ट डॉक्टर देवी ज्योति दास ने आज तंबाकू निषेध दिवस के दिन बताया कि तंबाकू कई श्वास संबंधी विकारों का मुख्य कारण है ।जैसे क्रॉनिक आबस्टेक्टिव पल्मोनरी डिसीज,तपेदिक और फेफड़ों के अन्य रोग ।



धूम्रपान न केवल फेफड़ों को बल्कि शरीर के लगभग हर अंग को नुकसान पहुंचाता है यह कैंसर ह्रदय रोग स्ट्रोक फेफड़ों के रोग जैसे एम्फेसीमा और ब्रोंकाइटिस ,मधुमेह, और कई अन्य रोग का कारण बनती है ।यह टीबी ,कुछ नेत्र रोग और रूमेटिड गठिया सहित इम्यून सिस्टम की समस्याओ के जोखिम को भी बढ़ाता है। कोरोना संक्रमण की स्थिति में तंबाकू सेवन करने वालो को संक्रमण का खतरा काफी अधिक होता है । डॉ देवीज्योति ने आगे बताया कि तंबाकू धूम्रपान से जहा 85 फीसदी की मौत उसके सेवन से,जबकि इसमें 15 फीसदी लोगो की मौत अप्रत्यक्ष रूप से होता है इसे हम ऐसे समझे मन लो कोई व्यक्ति सार्वजनिक स्थान में धूम्रपान कर रहा हो तो उसको तो स्वास्थ्य संबंधी खतरा होगा ही साथ ही उसके आस पास जो लोग होंगे वो भी अनजाने में इसका शिकार हो सकते है अतः यदि कोई व्यक्ति घर में परिवार के आस पास धूम्रपान करता है तो वह अपने साथ साथ दूसरे सदस्य को भी जान जोखिम में डाल रहा होता है ।

इसका कारण धूम्रपान न करने वाले निकोटिन और जहरीले रसायनों के संपर्क में आते है ,लगातार इस प्रवृत्ति की वजह से इनमे बीमारियां सामने आती है और यह मौत का कारण बनता है ।यह व्यस्क में स्ट्रोक ,फोफड़ो के कैंसर और हार्ट रोग का भी कारण बनता है ।जो बच्चे अप्रत्यक्ष धुएं के संपर्क में आते है ,उनमें अचानक शिशु मृत्यु सिंड्रोम ,तीव्र स्वांस संक्रमण , मध्य कान की बीमारियां ,गंभीर अस्थमा,श्वसन संबंधी लक्षण और धीमी गति से फेफड़ों के विकास का खतरा बढ़ जाता है ।

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